
आज साहित्योदय द्वारा आयोजित सावन महोत्सव की तीसरी सोमवारी पर भव्य ऑनलाइन आयोजन किया गया जो अत्यंत मनभावन और हृदयस्पर्शी रहा। कार्यक्रम में महादेव की भक्ति, कजरी की मिठास और साहित्यिक सरसता का अद्भुत संगम देखने को मिला। करीब दो दर्जन रचनाकारों द्वारा दी गयी प्रस्तुति में प्रथम सत्र का सन्चालन सुप्रसिद्ध मंच संचालिका डॉ. सुप्रिति चावला ने किया जबकि अध्यक्षता सुनीता बंसल ने किया। द्वितीय सत्र का संचालन केरल से रेखा पांडेय ने किया जबकि अध्यक्षता रेणु झा रेणुका की रही। दोनो सत्रों में संचालकों के सहज, सशक्त और आकर्षक संचालन ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। सभी रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। सभी साहित्य-सुधियों की प्रस्तुतियाँ अद्भुत, सजीव और आत्मा को छू लेने वाली रहीं। सावन की रिमझिम फुहारों के बीच गूंजते कजरी लोकगीतों और शिव-भक्ति से ओतप्रोत रचनाओं ने सभी को भावविभोर कर दिया।
साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी को साहित्योदय कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर भाग लेने की अपील की। कार्यक्रम संयोजक डॉ रजनी शर्मा चंदा के कुशल संयोजन ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया।
प्रस्तुति देने वाले रचनाकार
- डॉ शशि जायसवाल
- अलका माहेश्वरी
सुनीता बंसल - नीता सरोजनी
संतोष भट्ट - डॉ सुदेश चुघ
आरती श्रीवास्तव ‘विपुला’
रंजना झा
आचार्य अर्चना चौधरी ‘अर्पण’
नीलम पेडी़वाल “विहांगी”
निशाअतुल्य
चारुमित्रा
निर्मला कर्ण
गीता चौबे गूंज
चंद्रा जोशी गुरुरानी - संजय गुप्त
- अनुपम श्री
- रेणु झा रेणुका