झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफ़ान अंसारी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह भाजपा विधायक सीपी सिंह के बीच जुबानी जंग सदन से लेकर सड़क तक आ गयी है। मंत्री इरफ़ान अंसारी ने x पर सीपी सिंह को सीधे टारगेट करते हुए निम्नस्तरीय बता दिया तो पलटवार करते हुए सीपी सिंह ने आतंकियों की पूरी लिस्ट थमा दी।
इरफान लिखते हैं-
जिसके किरदार पे शैतान भी शर्मिंदा है,
वो भी आये हैं यहां करने नसीहत हमको….
श्री @bjpcpsingh जी “ना तो आप विद्वान हैं, और ना ही हिटलर”, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के प्रति आपकी जो मानसिकता है वो निम्न स्तरीय है। हम आपकी वरिष्ठता और अनुभव का सम्मान करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सदन में अनर्गल बातें करेंगे। आपका आचरण पूरी तरह से अनुचित है।
अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे “मदरसे में भी पढ़ते हैं और अंग्रेजी मीडियम स्कूल तथा कॉलेज में भी पढ़कर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर भी बन रहे हैं। मैं खुद भी मदरसे में पढ़ा हूँ और इंग्लिश मीडियम में भी पढ़ाई की है। ऐसे में आपकी संकीर्ण सोच समाज में गलत संदेश दे रही है।”
सीपी सिंह पलटवार करते हैं-
मंत्री @IrfanAnsariMLA जी,
आप कहते हैं कि मदरसों में पढ़े छात्र उच्च पदों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि वहाँ कैसी शिक्षा दी जा रही है, शिक्षा का स्वरूप क्या है और वहां छात्रों को किस प्रकार की मानसिकता से प्रभावित किया जा रहा है।
हाल ही में, रांची के डॉ. इश्तियाक अहमद का मामला सामने आया है, जो एक प्रतिष्ठित अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट थे। उन्हें अलकायदा के झारखंड मॉड्यूल का मास्टरमाइंड पाया गया। उनकी मंशा देश में ‘खिलाफत’ की स्थापना और गंभीर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की थी। इसके साथ ही, मुफ्ती रहमतुल्लाह मजहीरी, जो मदरसा शिक्षक है, और मतिउर रहमान – एक कपड़ा दुकानदार, समेत कुल 14 लोगों को एन.आई.ए ने अलकायदा मॉड्यूल से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इससे तो यह साफ है कि शिक्षा किसी को उच्च पद दिला सकती है, लेकिन गलत सोच और राष्ट्रविरोधी मानसिकता को दूर नहीं कर सकती।
यह चिंताजनक है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद, यदि प्रारंभिक शिक्षा में कट्टरपंथी विचारधारा का समावेश हो, तो व्यक्ति समाज विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो सकता है। इसलिए, मदरसों में दी जा रही शिक्षा की समीक्षा आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वहां से निकलने वाले छात्र समाज के लिए सकारात्मक योगदान दें।
आप सरकार में मंत्री है, आपसे जनता अपेक्षा करती है कि आप अपने बयानों में संतुलन और तथ्यात्मकता बनाए रखें। समाज में विभाजनकारी विचारधारा फैलाने से बचें और सभी समुदायों के बीच सद्भावना स्थापित करने में सहयोग करें।